महाशिवरात्री – शिकारी की कथा

English Version Here महाशिवरात्री के बारे में प्रचलित अनेको प्रसंगों में एक प्रसंग है कि किस प्रकार एक शिकारी नें अनजाने में शिवरात्री के अवसर पर शिवजी की पूजा सम्पन्न कर ली तथा उसके फलस्वरूप अगले जन्म में राज पद पाया | क्या भोलेनाथ इतने भोले हैं कि अनभिज्ञतावश किए…

पशुपत्यष्टकम्

इस जगत के सम्पूर्ण चर, अचर प्राणी (पशु) के स्वामी भगवान शिव ही हैं| उन  सहस्त्र नामों से जाने जाते हैं महेश्वर के आठ प्रमुख नामों में एक है - पशुपति जो शिव के प्राणीमात्र के स्वामी होने को इंगित करता है | प्रस्तुत अष्टक शिव के इन्ही पशुपति स्वरूप…

Pashupatastak

Shiva is the Lord of the entire Universe – Living and Non living. Although he is known by thousands of names one among is eight important name is – Pashupati which means Lord of all beings. The presented prayer is a eight stanza  prayer to Pashupati form of shiva.  …

शिव महिम्न: स्तोत्रम्

    शिव महिम्न: स्तोत्रम शिव भक्तों का एक प्रिय मंत्र है| ४३ क्षन्दो के इस स्तोत्र में शिव के दिव्य स्वरूप एवं उनकी सादगी का वर्णन है| स्तोत्र का सृजन एक अनोखे असाधारण परिपेक्ष में किया गया था तथा शिव को प्रसन्न कर के उनसे क्षमा प्राप्ति की गई…

नटराज स्तुति

शिव परं ब्रह्म जगत सृजनकर्ता एवं  जगत गुरु हैं| शिव का तांडव प्रसिद्ध है| शिव के आनद तांडव के साथ ही सृजन का आरंभ होता है एवं रौद्र तांडव के साथ ही सम्पूर्ण विश्व शिव में पुनः समाहित हो जाते हैं| नटराज शिव के जगत गुरू स्वरूप का भी परिचायक…

शिवसहस्रनामावलि

 आदि एवं अंत से रहित, सर्वेश्वर शिव देवाधिदेव हैं। मानव मात्र ही नहीं वरन देव, दानव, पशु-पक्षी, यहाँ तक की ईश्वर भी संकट के समय में शिव की ही शरण ग्रहण करते हैं। स्वयं पालनकर्ता श्री नारायण विष्णु भगवान ने शिव जी की सहस्रनामों से स्तुति कर उन्हे प्रसन्न किया…

Nilkantha

The story of Shiva consuming the deadly poison to save the Universe and establishing the new doctrine – He who has a power; has a responsibility Brahma created the Universe, the mother earth and lives, Gods (The Good power) and Demons (The Evil powers) and their most beautiful creation of…

Shivastak

From the time immemorial, innumerable astakas (prayer with eight stanza) have been written praising the glory of Shiva, the ultimate creator and sustainers and recycler of the universe. These astakas have been popularly known as Lingastak, Rudrastak, Bilvastak and Shivastaka. There are many which are named as Shivastaka. The one…

शिवाष्टकम

शिव के प्रशंसा में अनेकों अष्टकों की रचना हुई है जो शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक जैसे नामों से प्रसिद्ध  हैं। शिवाष्टकों की संख्या भी कम नहीं है। प्रस्तुत शिवाष्टक आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा रचित है। आठ पदों में विभक्त यह रचना परंब्रह्म शिव की पुजा एक उत्तम साधन है ।…
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