नटराज स्तुति

शिव परं ब्रह्म जगत सृजनकर्ता एवं  जगत गुरु हैं| शिव का तांडव प्रसिद्ध है| शिव के आनद तांडव के साथ ही सृजन का आरंभ होता है एवं रौद्र तांडव के साथ ही सम्पूर्ण विश्व शिव में पुनः समाहित हो जाते हैं| नटराज शिव के जगत गुरू स्वरूप का भी परिचायक…

Shiva Panchakshar Stottram (शिव पंचाक्षर स्त्रोत)

नागेंद्रहाराय त्रिलोचनाय भस्मांग रागाय महेश्वराय| नित्याय शुद्धाय दिगंबराय तस्मे "न" काराय नमः शिवायः॥ Salutation to thee, O Maheshwara, who wears the king of snakes as garland, who is three eyed and ashes-clad, eternal and pure,  who wears sky for cloths and who is embodied as the first letter Na. मंदाकिनी…

Natraaj Stuti

Lord Shiva is the universal teacher, the ultimate creator and the great cosmic dancer. The world comes into being by his cosmic dance – Anand Tandav and goes back to him by his Raudra Tandav. This strottam is dedicated to the Natraaj aspect of Shiva. (more…)

Shiva Manas Puja

Shiva Manas Puja, written by Adi guru Shankaracharya is a very special hymn, which not only praises Shiva, but also depicts the true flavour of Shiva worship. Shiva needs devotion and not demonstration. In this stottram we offer to the great Lord various offering not in physical form but in…

शिवमानसपूजा

आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा रचित शिव मानस पूजा शिव की एक अनुठी स्तुति है। यह स्तुति शिव भक्ति मार्ग के अतयंत सरल पर साथ ही एक अतयन्त गुढ रहस्य को समझाता है। शिव सिर्फ भक्ति द्वारा प्रापत्य हैं, आडम्बर ह्की कोई आवश्यकता नहीं है। इस स्तुति में हम प्रभू को…

Lingastakam

  ब्रह्ममुरारिसुरार्चित लिगं निर्मलभाषितशोभित लिंग | जन्मजदुःखविनाशक लिंग तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥१       I Bow before that Sadashiva Linga which is adored by Brahma, Vishnu and other Gods; which is praised by holy and pure speeches. and which destroys (Frees us from) the cycle of Birth and Death.   (more…)

लिंगाष्टकम

ब्रह्ममुरारिसुरार्चित लिगं निर्मलभाषितशोभित लिंग | जन्मजदुःखविनाशक लिंग तत्प्रणमामि सदाशिव लिंगं॥१ मैं उन सदाशिव लिंग को प्रणाम करता हूँ जिनकी ब्रह्मा, विष्णु एवं देवताओं द्वारा अर्चना की जाति है, जो सदैव निर्मल भाषाओं द्वारा पुजित हैं तथा जो लिंग जन्म-मृत्यू के चक्र का विनाश करता है (मोक्ष प्रदान करता है) (more…)